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वो 6 बॉलीवुड की फ़िल्में जिन्होंने दर्शकों को रोने पर किया मजबूर

बॉलीवुड में हर साल कोई ना कोई ऐसी इमोशनल फिल्म बनती है जो दर्शकों को रोने पर मजबूर कर देती है। बॉलीवुड इतिहास में कई सारी फिल्मों ने लोगों को इमोशनल करने का काम किया है।

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इनमें से कई फिल्में प्यार, देशभक्ति या समाज पर आधारित होती हैं और व्यक्ति के संघर्ष को दिखाती हैं। ऐसे ही कुछ फिल्मों का जिक्र आज हम करने जा रहे हैं, जिन्होंने लोगों को रोने पर मजबूर कर दिया।

6 बॉलीवुड की फ़िल्में जिन्होंने दर्शकों को रुलाया

1. कल हो ना हो (2003)

जब भी कभी बॉलीवुड के सबसे अच्छी इमोशनल फिल्म का नाम लिया जाएगा तो उसमें कल हो ना हो फिल्म का नाम जरूर शामिल होगा। बॉलीवुड फिल्मों को पसंद करने वाला शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने इस फिल्म को ना देखी हो।

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इस फिल्म में सुपरस्टार शाहरुख खान और प्रीति जिंटा ने मुख्य भूमिका निभाई है। वहीं सैफ अली खान ने भी अहम किरदार निभाया था। फिल्म का अंतिम सीन लोगों को रोने पर मजबूर कर देता है, जब शाहरुख खान हॉस्पिटल के बेड पर पड़े रहते हैं और प्रीति जिंटा को अपने दिल का हाल सुनाते हैं।

2. तारे जमीन पर (2007) ने  दर्शकों को रोने पर किया मजबूर

तारे जमीन पर फिल्म भी बॉलीवुड की सबसे इमोशनल फिल्मों में से एक है जिसमें आमिर खान और दर्शील सफारी ने मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म में दर्शील सफारी ने 8 साल के एक छोटे बच्चे ‘ईशान’ का किरदार निभाया है ।

वह काफी टैलेंटेड होता है, लेकिन लोगों को दिमाग से कमजोर लगता है। इस फिल्म में छोटे बच्चे का संघर्ष आपको इमोशनल कर देगा।

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3. रंग दे बसंती (2006)

रंग दे बसंती फिल्म पूरी तरह से देशभक्ति पर आधारित है, जिसमें आजाद आधुनिक भारत और गुलाम भारत की कहानी को एक सूत्र में पिरोया गया है। दरअसल यह एक कॉलेज ड्रामा है, जिसमें आमिर खान, सिद्धार्थ, आर माधवन, कुणाल कपूर, शर्मन जोशी और अतुल कुलकर्णी जैसे कलाकारों ने काम किया है।

इस फिल्म में दिखाया गया है कि आधुनिक समय के कुछ लड़के कॉलेज में पढ़ रहे होते हैं, जो मानसिक रूप से क्रांतिकारी होते हैं। इस फिल्म में आमिर खान ने चंद्रशेखर आजाद, सिद्धार्थ ने भगत सिंह, शर्मन जोशी ने राजगुरु, अतुल कुलकर्णी ने राम प्रसाद बिस्मिल का किरदार निभाया है।

4. बागबान (2003) को बॉलीवुड की टॉप इमोशनल फिल्मों में शामिल किया जाता है

अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, सलमान खान, अनुपम खेर जैसे सितारों से सजी यह फिल्म आज के आधुनिक समाज में मां-बाप एवं बहु बेटे के रिश्ते को दिखाती है।

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इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि जब मां बाप बूढ़े हो जाते हैं तो उनके बच्चे और बहू उन्हें छोड़ देते हैं। बंटवारे के बाद मां दूसरे बेटे के पास और बात दूसरे बेटे के पास रहने लगते हैं। यह पारिवारिक फिल्म आपको अंत में रोने पर मजबूर कर देगी।

5. आनंद (1971) ने  दर्शकों को किया भावुक

साल 1971 में रिलीज हुई आनंद अमिताभ बच्चन की पहली बॉलीवुड फिल्म थी, जिसमें राजेश खन्ना ने आनंद सहगल/जयचंद का मुख्य किरदार निभाया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन डॉक्टर भास्कर बनर्जी पूर्व बाबूमोशाय की भूमिका में थे।

इस फिल्म के कई सारे डायलॉग आज भी लोगों को याद हैं। फिल्म में डॉक्टर भास्कर बनर्जी (अमिताभ बच्चन) ‘आनंद’ बुक की लॉन्चिंग के दौरान सवाल पूछे जाने पर आनंद सहगल (राजेश खन्ना) की कहानी को नरेट करते हुए नजर आते हैं।

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6. तेरे नाम (2003)

सलमान खान की लोकप्रिय फिल्मों में से एक तेरे नाम को बहुत सफलता मिली थी। इस फिल्म में भूमिका चावला भी थी। दोनों की प्रेम कहानी अधूरी रह जाती है और अंत में भूमिका आत्महत्या कर लेती हैं।

यह सब देख कर सलमान खान काफी टूट जाते हैं और उस स्थिति को देखकर दर्शकों की आँखों में आंसू आ सकते हैं।

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