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बॉलीवुड की 5 ऐसी रोमांटिक फ़िल्में, जो हैं ऑल टाइम बेस्ट

बॉलीवुड यानी हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री, प्रेम कहानियों की इंडस्ट्री है। जितनी संख्या में रोमांटिक फ़िल्में हम बनाते हैं, शायद ही कहीं और बनती हों। जब दुनिया डीसी, मार्वेल के प्रपंच में फँसी है, तब भी बॉलीवुड अपनी प्रेम कहानियाँ बना कर खुश है। 1937 में के.एल. सहगल को लेकर बनी देवदास से लेकर हालिया फ़िल्मों तक, ना तो रोमांस बॉलीवुड को, ना ही बॉलीवुड को छोड़ सका है। आज हम नज़र डालेंगे बॉलीवुड की ऐसी ही 5 आइकॉनिक रोमांटिक फ़िल्मों पर –

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1.) गाइड (1965):

एक पुराने टूर-गाइड को कुछ गाँव वाले साधु समझ लेते हैं। इसके बाद वह अपनी ज़िंदगी के अनुभवों को देखते-सुनते-सुनाते और उनसे सीख लेते हुए गाँव वालों को लेकर आध्यात्मिक मुक्ति की ओर बढ़ता है।

गाइड में वहीदा रहमान, देव आनंद जैसे स्टार्स ने अभिनय किया था। इसका निर्देश विजय आनंद ने किया था जिन्होंने इसके अलावा ज्वेल थीफ़ और जॉनी मेरा नाम जैसी फ़िल्में बनायीं। गाइड में ‘आज फिर जीने की तमन्ना है’, ‘गाता रहे मेरा दिल’ और ‘पिया तोसे नैना लागे रे’ जैसे गाने थे जो बहुत मशहूर हुए थे।

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2.) मुग़ल-ए-आज़म (1960):

मुग़ल-ए-आज़म की कहानी 16वीं सदी के एक ऐसे राजकुमार की है जिसे बादशाह की सभा में नाचने वाली लड़की अनारकली से प्रेम हो जाता है। बादशाह को यह बात पसंद नहीं आती है और राजकुमार बगावत पर उतर आता है।

मुग़ल-ए-आज़म का नाम हम सबने सुना है। यह फ़िल्म अब कल्ट का दर्ज़ा ले चुकी है जो के आसिफ़ के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर और दिलीप कुमार जैसे नामी-गिरामी कलाकारों ने काम किया था।

3.) दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (1995):

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे या डीडीएलजे दो ऐसे लोगों की रोमांटिक कहानी है जो हैं तो भारत के लेकिन यूरोप में रहते हैं, एक-दूसरे से वहीं मिलते हैं। उनमें पहली नज़र का प्यार तो नहीं है लेकिन धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ती है और प्रेम का रूप धारण कर लेती है।

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डीडीएलजे का नाम ही काफी है। यह फ़िल्म लोगों के किस्सों-कहानियों की फ़िल्म बन चुकी है। यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित, काजोल-शाहरुख खान द्वारा अभिनीत इस फ़िल्म के आस-पास भी कोई फ़िल्म नहीं फटकती। मुंबई के एक सिनेमाहॉल में यह फ़िल्म जब लगी तो कभी उतरी ही नहीं।

4.) देवदास (2002):

बंगाली लेखक शरतचंद्र के इसी नाम के उपन्यास पर बनी फ़िल्म जिसे संजय लीला भंसाली ने बनाया और एक्टिंग करायी शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित से। देवदास को यह कल्ट है हासिल है कि अब भी किसी प्रेम में हारे आशिक़ को हम देखते हैं तो कहते हैं कि यह तो देवदास हो गया है।

देवदास हालाँकि इससे पहले भी कई बार बनी है। 1936 में केएल सहगल देवदास बने तो वहीं फिर 1955 में ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार भी पर्दे पर देवदास बनकर आये।

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5.) प्यासा (1957):

प्यासा गुरु दत्त की ज़िंदगी की सबसे मशहूर फ़िल्मों में से है। प्यासा को कुछ हद तक उनकी ज़िंदगी से इंस्पायर्ड भी कहा जाता है। गुरु दत्त ने ही इस फ़िल्म को निर्देशित किया और लीड रोल्स में ख़ुद को, वहीदा रहमान को और माला सिन्हा को रखा।

शायर साहिर लुधियानवी के लिखे और मोहम्मद रफ़ी के गाये गाने आज भी लोगों की ज़बान पर हैं।

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