एक्ट्रेस के मौजूदा स्टारडम की तुलना श्रीदेवी के स्टारडम से नहीं करना चाहतीं तापसी पन्नू: सिर्फ एक थी श्रीदेवी

बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू को अपने मन की बात कहने के लिए ही जाना जाता है। अक्सर अभिनेत्री फिल्म उद्योग में असमानता के बारे में बहुत स्पष्ट रही है। जबकि वे हमेशा यह कहती है कि यह दुनिया का दृष्टिकोण है जिसने कि पारिश्रमिक और विशेषाधिकारों के मामले में इस लैंगिक असमानता को उत्पन्न किया है।
साथ ही उन्होंने कहा, कि उनके जैसी कई अभिनेत्रियां है इसलिए लड़ रही है कि उनके साथ समान व्यवहार किया जाए और उनको योग्यता के आधार पर काम दिया जाए, ना कि लिंग के आधार पर। तापसी ने आगे कहा, कि फिल्म शाबाश मिठू के प्रचार के दौरान भी अभिनेत्री को बिना रोक-टोक के इंटरव्यू करते हुए देखा गया। उन्होंने विशेष रूप से फिल्म उद्योग में लगातार हो रहे भेदभाव और असमानता के बारे में बात की।
तापसी के प्रभावशाली बोल
इसके आगे अभिनेत्री ने कुछ मजबूत और प्रभावशाली बयान भी दिए , कि उनकी पूरी फिल्म का बजट वास्तव में ए-लिस्ट पुरूष अभिनेता के वेतन के बराबर है। उसी इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उस स्टारडम के बारे में पूछा गया जो कि श्रीदेवी को पसंद था। तो इस पर तापसी ने कहा, कि वह ना केवल बॉलीवुड में पहली महिला सुपरस्टार थी। बल्कि वास्तव में अभिनेत्री श्रीदेवी एक भारतीय सुपरस्टार थी। जिन्होंने कि तमिल और तेलुगु उद्योग में भी समान स्टारडम का लुफ्त उठाया था। आगे उन्होंने कहा, कि इतने सालों में एक श्रीदेवी ही हुई है। वह हमारी इंडस्ट्री के लिए दुर्लभ से दुर्लभ वरदान की तरह है। और वह एक ही थी श्रीदेवी।
हम उनके आधार पर सामान्यीकरण नहीं कर सकते है। इसके आगे उन्होंने कहा, कि हम इस तरह का एक उदाहरण भी नहीं ले सकते कि अगर उनको विशेषाधिकार मिले तो सभी अभिनेत्रियों को समान विशेषाधिकार मिलेगा। वहीं,दूसरी ओर जब हम नायकों को देखते है। तो ऐसे 50 नायक है जिनके पास समान विशेषाधिकार होते है। लेकिन यह अनुपात बहुत ही एकतरफा है और इसके बराबर होने में सालों लगेंगे।
पारिश्रमिक के बीच असमानता पर की बात
अभिनेत्री पन्नू ने एक अभिनेता की अपेक्षा एक अभिनेत्री को दिए जाने वाले पारिश्रमिक के बीच असमानता के बारे में बार बार बात की है। साथ ही उन्होंने इस बारे में खुलकर चर्चा की, कि कैसे एक महिला केंद्रित फिल्म के मामले में दर्शक खुद ही समीक्षाओं का इंतजार करते है जबकि पुरूष केंद्रित फिल्म अक्सर समीक्षाओं के बिना भी पहले दिन की शानदार शुरूआत का लुफ्त लेती है।