ये हैं बॉलीवुड के 5 सबसे बेहतरीन गाने, इन्हें नहीं सुना तो क्या सुना

फिल्मों की संख्या और लोगों तक पहुंच के मामले में बॉलीवुड दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री है। हर साल सैकड़ों की संख्या में यहां फिल्में बनती हैं और हज़ारों की संख्या में गाने रिलीज़ होते हैं। फिल्में और उनके गाने भारत में जीवन का हिस्सा हैं। फिल्मों के गाने आपको हर जगह सुनाई दे जायेंगे। किसी छोटे ऑटो से लेकर बड़ी ट्रक और रोडवेज की बसों तक। आखिर ऐसा क्या है जो बॉलीवुड के गानों को इतना खास बनाता है ? इसकी वजह तो हर कोई आपको अलग अलग बता सकता है। सबसे बेहतर यही है कि आप कुछ बेहतरीन गानों को सुनें और खुद समझ जाएं।
इसी में आपकी मदद करने के लिए हम लाए हैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के 5 बेहतरीन गाने, जो आम लोगों की ज़बान पर हैं –
1.) आवारा हूं (आवारा):
राज कपूर को आधुनिक भारतीय सिनेमा में, आज़ादी के बाद के सिनेमा में सिनेमा का पिता माना जा सकता है। 50 और 60 के दशक में राज कपूर ने अनेक हिट्स दिए, जिनमें से एक ‘आवारा’ भी थी। इस फिल्म के हिट होने में आवारा हूं गाने का भी एक बड़ा हाथ था।
इस गाने में राजकपूर 1947 के विभाजन के बाद की त्रासदी झेलते एक व्यक्ति का किरदार अदा कर रहे होते हैं जो बड़ी उमंग में गाना गा रहा होता है। राजकपूर का आम आदमी का चार्म और करिश्मा भारत में ही नहीं, सोवियत यूनियन और चीन में भी चला। चीन में चेयरमैन माओ भी इस फ़िल्म और गाने के एक बड़े मुरीदों में एक गिने जाते हैं।
2.) आज फिर जीने की तमन्ना है (गाइड):
इस गाने का कोरस ज़िम्मेदारियों को भूल कर कुछ देर को ज़िंदगी जीने की सोच को एक उमंग भरा योगदान देता है। इस गाने में लता मंगेशकर की नशीली आवाज़ एक बेपरवाही भरी आज़ादी का उद्घोष करती है।
इस फिल्म में नायिका रोज़ी अपनी नाखुश शादी से तंग आकर एक टूर गाइड राजू के साथ प्रेम में पड़ जाती है। रोज़ी का किरदार वहीदा रहमान और राजू का किरदार देव आनंद ने निभाया था।
3.) तुझे देखा तो ये जाना सनम (डीडीएलजे):
यह गाना बॉलीवुड की सबसे बड़ी रोमांटिक फ़िल्म में से है। दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे एक बार पर्दे पर आई तो फिर कभी नहीं उतरी। इस गाने में बॉलीवुड के सबसे बड़े सिंगर्स में से एक कुमार सानू और लता मंगेशकर जी ने गाया है। शाहरुख खान और काजोल की राज सिमरन की जोड़ी इस गाने से अमर हो गई।
इस गाने की एक एक चीज, इसका म्यूजिक, सरसों के खेत, शाहरुख का मंडोलिन, काली जैकेट और सफेद कपड़ों में खड़ी काजोल, सब कुछ एक स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है।
4.) छइयां-छइयां (दिल से):
यह गाना एक समय में भारत के घर घर में घुस गया था। पहाड़ों से गुजरती टॉय ट्रेन की छत पर नाचते लाल जैकेट में शाहरुख और मलाइका को देख और सुखविंदर सिंह की आवाज में यह गाना सुनकर कोई भी बिना झूमे नहीं रह सकता।
दिल से फिल्म का निर्देशन मणि रत्नम ने किया था, गीत लिखे थे गुलज़ार ने और संगीत दिया था ए.आर. रहमान ने। इन तीनों की जोड़ी ने इस फिल्म में कई शानदार गाने दिए थे।
5.) मेरे सपनों की रानी (आराधना):
आराधना से ही पहली बार बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने सफलता का स्वाद चखा था। आराधना में राजेश खन्ना की एंट्री इसी गाने से होती है। सड़क किनारे से जाती टॉय ट्रेन में बैठी शर्मिला टैगोर को देखते हुए, जीप में बैठे, झूमते, इठलाते, गाना गाते राजेश खन्ना अभिनीत यह गाना जब आया तो इसकी धूम मच गई।
इसी गाने के बाद से राजेश खन्ना के लिए किशोर कुमार की आवाज एक फिक्स आवाज बन गई और आने वाले समय में किशोर कुमार ने राजेश खन्ना के लिए कई गानों में आवाज दी।