बॉलीवुड की इन 5 फिल्मों में नहीं हैं एक भी गाने, फिर भी रहीं सुपरहिट।

पूरी दुनिया में बॉलीवुड फिल्मों ने अपनी खास पहचान बनाई है। बॉलीवुड में हर तरह की फिल्में देखने को मिलती हैं। बॉलीवुड खासकर अपनी फिल्मों के गीत-संगीत की वजह से अधिक जाना जाता है। ब्लैक एंड वाइट के दौर से फिल्मों में गाने अहम हिस्सा रहे हैं। इन्ही गानों की वजह से कई फिल्मों ने बड़ी सफलता हासिल की है। फिल्म ‘इंद्र सभा’ में तो 71 गाने डाले गए थे।
ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि फिल्मों में गानें न हो। इसके बावजूद भी बॉलीवुड में कुछ ऐसी फिल्में बनाई गईं हैं जिन्हें गानों की जरूरत ही नही पड़ी। ये अपनी कहानी के दम पर ही लोगों को बहुत पसंद आई थी। तो चलिए आज आपको ऐसी ही 5 फिल्मों के बारे में बताते हैं जिनमे एक भी गानें नहीं हैं।
1.) इत्तेफाक:
यह फिल्म साल 1969 में आई थी। इसका निर्देशन ‘यश चोपड़ा’ द्वारा किया गया था। फिल्म में राजेश खन्ना और ‘नंदा’ ने मुख्य भूमिका निभायी थी। यह फिल्म एक रात की कहानी है। और हत्या के रहस्यों पर बनी है। वैसे तो ‘यश चोपड़ा’ की फिल्मो में गानों की बहुत अहमियत होती है। लेकिन यह फिल्म उन्होंने बगैर गानो के बनायीं थी।
दर्शकों को इस फिल्म में गानें न होने की कमी बिल्कुल नही खलती। यह चौथी ऐसी मूवी थी जो बिना गानों के बनी थी। गानों के बिना भी यह फिल्म सुपरहिट हुई। इसने बॉक्सऑफिस में 2 करोड़ की कमाई की थी। इसको सर्वश्रेष्ठ निर्देशन और सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइन के लिए अवार्ड भी मिले थे।
2.) डरना मना है:
साल 2003 में आई फिल्म डरना मना है प्रबल रमन के निर्देशन में बनी थी। इसमे विवेक ओबरॉय, शिल्पा शेट्टी, सैफ अलि खान आदि सितारों ने काम किया। यह एक मल्टीस्टारर फिल्म थी।
बॉलीवुड फिल्म में बहुत गाने डाले जाते हैं पर ये बिना गाने और धुन के जबरदस्त हिट रही। इसकी खासियत ये रही कि गानों के बिना भी ये दर्शको को रोककर रख पायी।
3.) कौन:
साल 1999 में आई राम गोपाल वर्मा की फिल्म कहानी लोगों को बहुत पसंद आई थी। इसमे मनोज बाजपेयी और उर्मिला मातोंडकर मुख्य भूमिका में थे।
इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर को खूब पसंद भी किया गया। इसका नाम भी उन्ही फिल्मों में आता है जिनमें कोई गाना नही है। बिना गाने के इसने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था।
4.) अ वेडनेसडे:
साल 2003 में आई इस फ़िल्म ने अपनी बेहतरीन कहानी और एक्टिंग के लिए खूब सुर्खियां बटोरीं थी। फिल्म की कहानी एक ऐसे आम आदमी पर बनी थी जो आतंकवाद क्राइम और थ्रिलर है पसंद तो देखिए सच्ची घटनाओं पर आधारित ये 5 बेहतरीन फिल्मेंको खत्म करना चाहता था। बुराई को खत्म करने के लिए सिस्टम से खुद टक्कर लेता है।
इसमें एक भी गाना नहीं है। इसके बाद भी नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर की दमदार एक्टिंग ने फिल्म को हिट बना दिया। बिना गाने की इस फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते।
5.) द लंचबॉक्स:
ये फिल्म 2013 में आई थी। फिल्म ऐसे दो लोगों की कहानी है जो एक दूसरे को जानते नहीं लेकिन लंच बॉक्स उनको जोड़ने का एक जरिया बन जाता है।
इरफान खान की फिल्म ‘द लंच बॉक्स’ दर्शकों ने खूब पसंद कि। इसमें एक भी गाना नहीं है लेकिन बिना गाने के फिल्म ने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।