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वो 5 बेहतरीन बॉलीवुड फ़िल्में जिनमें पिता और बेटी के रिश्ते को खूबसूरती से दिखाया गया है

एक पिता और बेटी का रिश्ता बेहद खास होता है। पिता बेटियों को सिर आँखों पर बिठा कर रखते हैं। हालांकि, शुरू में लोगों की यह सोच रहती थी कि बेटियां पिता के सिर का बोझ होती हैं और बेटियों की ख़्वाहिशें, उसका आसमान छूने, करियर में आगे बढ़ने के अरमान बंद कमरे से बाहर नहीं आ पाती। पिता की चिंता बेटी की शादी कर उसे विदा कर देने की होती है।

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लेकिन, अब ऐसा नहीं है और समाज में काफी बदलाव हो रहा है। अब पिता बेटियों को उतनी आजादी दे रहे हैं जिससे वह अपनी ख़्वाहिशों को पूरा कर सके, अपना करियर चुन सके, आसमान में ऊंचा उड़ सके।

हमारे भारतीय सिनेमा में भी कुछ ऐसी फ़िल्में बनी हैं, जो बाप-बेटी के अटूट रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से पर्दे पर दिखाती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जिनमें बाप और बेटी के रिश्ते को काफी मजबूत दिखाया गया है।

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इन 5 बॉलीवुड फिल्मों में बाप और बेटी के रिश्ते को बहुत ही अच्छे तरीके से पेश किया गया है

1. पीकू में पिता और बेटी के रिश्ते को खूबसूरती से दिखाया गया है

साल 2015 में सुजीत सरकार ने कॉमेडी-ड्रामा पीकू फिल्म बनाई थी, पूरी फिल्म में पीकू (दीपिका पादुकोण) और उसके पिता अमिताभ बच्चन बहस करते रहते हैं। एक-दूसरे की जरा नहीं सुनते, लेकिन इस बहस से ही उनका प्यार नजर आता है।

बता दें, पिता की जिम्मेदारी को घर बसाने से ज्यादा तवज्जो देकर एक बेटी की कहानी को दर्शाने वाली इस फिल्म को आपको जरूर देखनी चाहिए।

2. दंगल

जब बच्चों की जिंदगी बनाने की बात आती है तो पिता को अपने बच्चों के लिए बहुत कठोर भी होना पड़ता है। इस फिल्म में भी आपको ऐसा ही देखने को मिलेगा। इस फिल्म की कहानी महावीर सिंह फोगाट (आमिर खान) जो कि एक एक्स रेसलर हैं, अपनी बेटियों गीता और बबीता को पहलवान बनाना चाहते हैं।

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फिल्म में फोगाट एक कठिन टास्क मास्टर की भूमिका निभाते हैं जो अपनी बेटियों को रेसलिंग की ट्रेनिंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ते और अंत में उनकी बेटी गीता मेडल लाने में कामयाब रहती है।

3. अंग्रेजी मीडियम की कहानी भी पिता और बेटी के इर्द-गिर्द है

बच्चों की ख़्वाहिशों के आगे बाप कुछ भी करने को तैयार होता है, उसके लिए फिर कितनी भी मुश्किलें क्यों न आ जाये, लेकिन वो पीछे नहीं हटता है।

कुछ ऐसा ही इस फिल्म में भी आपको देखने को मिलेगा, इस फिल्म की कहानी उस पिता पर केंद्रित है, जो लंदन की एक यूनिवर्सिटी में अपनी बेटी का एडमिशन कराने के लिए किसी हद तक जा सकता है। यह फिल्म आपको गुदगुदाने के साथ-साथ इमोशनल भी करेगी।

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4. थप्पड़

हमारे समाज में शादी के बाद पति के द्वारा पत्नी की पिटाई कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, ऐसा हर दूसरे घर में होता है। ऐसे में जब एक लड़की अपने पति को सिर्फ इसलिए तलाक देना चाहती है, क्योंकि वो उसको एक पार्टी में सबके सामने थप्पड़ मर देता है, ये बात समाज के उन ठेकेदारों को अच्छी नहीं लगती है। इस फिल्म में अपनी बेटी के फैसले पर बिना कोई सवाल किये एक पिता हरहाल में उसका साथ देता है।

5. गुंजन सक्सेना : द कारगिल गर्ल

इस फिल्म की पूरी कहानी गुंजन सक्सेना के इर्द गिर्द घूमती नजर आती है जिसका सपना पायलट बनना है। मां को लगता है कि कुछ टोटका करने से लड़की के सिर से पायलट बनने का भूत उतर जाएगा। भाई को भी बहन के ये तेवर कुछ सही नहीं लगते।

फिल्म के शुरुआती सीन में, गुंजन सक्सेना अपने भाई अंशुमान (अंगद बेदी) से सुनती हैं कि “लड़कियां पायलट नहीं बनतीं; वे खाना बनाती हैं। ” लेकिन पिता ने अपनी बेटी का साथ हर कदम पर दिया है और उसको पायलट बनाने में अहम भूमिका भी निभाई। फिल्म के कुछ सीन आपको इमोशनल कर देगें।

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