लाल सिंह चड्ढा ही नहीं बॉलीवुड की इन 5 फिल्मों में भी की गई है मेंटल हैल्थ की बात…
बॉलीवुड फिल्मों का इस्तेमाल न केवल मनोरंजन के लिए बल्कि कई बार सामाजिक मुद्दों पर खास ध्यान देने के लिए भी किया जाता हैं। ताकि समाज में एक सकारात्मक जागरूकता का विस्तार हो। यही कारण है कि अधिकतर फिल्में सच्ची घटनाओं पर आधारित होती हैं और इनमें कई फिल्में ऐसी भी होती हैं, जिनकी स्क्रिप्ट को पढ़ते ही अक्सर कई सितारे बिना सोचे समझे हाँ बोल देते हैं। इसका एक उदाहरण हाल ही में रिलीज हुई फिल्म लाल सिंह चड्ढा (Lal Singh Chaddha) है, जो की मेंटल हैल्थ (Mental Health) से जुड़े मुद्दे पर बनी फिल्म थीं। लेकिन, इससे पहले भी कई बार इस तरह कि फिल्में रिलीज हो चुकी हैं।
इन फिल्मों का प्लाट सामाजिक असमानता से जुड़ा होता है और इसी असमानता को खत्म करने के लिए स्टार्स उस फिल्म को तुरंत साइन कर देते हैं। इसका उदहारण अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ भी हैं, जो एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित थी। इस फिल्म का उद्देश्य उन तमाम लड़कियों को हिम्मत देना था। जो एसिड अटैक का शिकार हुई हैं। इसी तरह आजकल मेन्टल हेल्थ इशू पर भी कई फिल्में बनी हैं। तो आज हम उन्हीं फिल्मों के बारे में जानेंगे।
1.) डियर ज़िंदगी
यह फिल्म सीधा मेन्टल और इमोशनल हेल्थ सब्जेक्ट को टारगेट करती हैं। दरअसल इस फिल्म ने कई लोगों को मेंटली और इमोशनली काफी ज्यादा मोटीवेट किया है। इस फिल्म में आलिया भट्ट और शाहरुख़ खान मुख्य किरदार में दिखाई दिए थे। फिल्म में आलिया ब्रेकअप के बाद मानसिक तनाव से गुज़र रही होती है। जिसके बाद वह फिजियोथेरेपिस्ट शाहरुख़ खान के पास जाती हैं। शाहरुख़ खान फिल्म में आलिया के तनाव को खत्म करके उन्हें मेंटली ठीक करते हैं।
2.) छिछोरे
अक्सर हम ऐसी खबरें सुनते हैं कि परीक्षा की चिंता में आकर बच्चे ने आत्महत्या कर ली। इस तरह के मामलों में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘छिछोरे’ इस तनाव को खत्म करने में कारगार सिद्ध हुई है। दरअसल यह फिल्म कॉलेज के स्टूडेंट्स पर आधारित है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक बच्चा एंग्जाइटी का शिकार होकर आत्महत्या करने पर मजबूर होता हैं।
3.) तमाशा
लिस्ट में अगली फिल्म ‘तमाशा’ है। जिसमें रणवीर कपूर और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिका में नजर आए थे। दरअसल फिल्म में रणवीर एक बीमारी बार्डर लाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे है। इसमें दिखाया है कि कैसे एक व्यक्ति का पूरा जीवन अलग हो जाता है और वह अपने व्यक्तित्व को पहचानने में भी असक्षम हो जाता है। फिल्म में दीपिका पादुकोण रणवीर की मदद करते नजर आती है।
4.) तारे जमीं पर
आजकल माता-पिता अपने सपनों को पूरा करने का बोझ अपने बच्चों पर डाल देते हैं। लेकिन, वह ये भूल जाते हैं कि उनके बच्चों के भी कुछ सपने हैं। बस इसी मुद्दे को फिल्म ‘तारे जमीं पर’ में उठाया गया है। इस फिल्म में अभिनेता आमिर खान ने अभिनय किया है। आपको बता दे इस फिल्म साल 2007 में ब्लॉकबस्टर साबित हुई थीं। फिल्म में आमिर खान एक बीमारी डिस्लेक्सिया से पीड़ित हैं, लेकिन फिर भी वह अपनी ज़िंदगी को खास अंदाज में जीते है।
5.) अतरंगी रे
पिछले साल दिसंबर में रिलीज हुई अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘अतरंगी रे’ को भी विभिन्न मानसिक विकारों और बिहेवियर जैसी समस्याओं को नॉर्मलाइज करती है। फिल्म में अक्षय कुमार के साथ-साथ सारा अली खान और साउथ अभिनेता धनुष ने बड़ा रोल निभाया। फिल्म में रिंकू नाम के एक कैरक्टर को दिखाया गया है, जो एक काल्पनिक व्यक्ति के साथ बातचीत करती है। यह निश्चित रूप से सिज़ोफ्रेनिया का संकेत है।