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फिल्मों का बहिष्कार करने वाले लोगों के खिलाफ एकजुट हो बॉलीवुड, अर्जुन चाहते हैं; इंटरनेट कहता है ‘अभिनय सीखो पहले’

बॉलीवुड फिल्मों के बहिष्कार का आह्वान करने वालों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ हफ्तों में सोशल मीडिया पर कई नेटिजन्स ने दूसरों से आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा, सुपरस्टार अक्षय कुमार की फिल्म रक्षा बंधन, ऋतिक रोशन की फिल्म विक्रम वेधा, रणबीर कपूर की फिल्म ब्रह्मास्त्र और शाहरूख खान की पठान का बहिष्कार करने को कहा है।

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फिल्मों का बहिष्कार करने वालों के खिलाफ बोले अर्जुन कपूर

फिल्मों के बहिष्कार की संस्कृति पर अर्जुन कपूर ने प्रतिक्रिय व्यक्त करते हुए कहा, कि उद्योग को ऐसे बहिष्कार प्रवृतियों के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है क्योंकि अब बॉलीवुड इसके लिए पर्याप्त है। बॉलीवुड हंगामा के साथ हुए एक इंटरव्यू के दौरान अर्जुन कपूर ने कहा, कि मुझे लगता है कि इस बारे में हमने चुप रह कर बहुत बड़ी गलती की है। और .यह हमारी शालीनता थी।

लेकिन अब लोगों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है। मुझे ऐसा लगता है कि यह सोचकर हमने गलती की है कि ‘हमारा काम अपने आप बोलेगा’। आप जानते हैं कि हमेशा आपको अपना हाथ गंदा करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि हमने बहुत ज्यादा बर्दाश्त किया है और अब लोगों की यह आदत बन चुकी है।

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बहिष्कार की संस्कृति पर अर्जुन ने दी प्रतिक्रिया

बहिष्कार की संस्कृति पर आगे प्रतिक्रिया देते हुए अर्जुन ने कहा, कि हमें इस बारे में एक जुट होने की आवश्यकता है और इस बारे में कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है। क्योंकि हमारे बारे लोग में क्या लिखते है या हैशटैग जो आजकल के चलन में है, असलियत से बेहद ही दूर है।  जब ऐसी फिल्में हम करते है। जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करती है उस समय लोग हमें हमारे उपनामों की वजह से नहीं बल्कि फिल्म के कारण पसंद करते है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि अब ज्यादा होने लगा है।

अर्जुन कपूर ने आगे कहा, कि शुक्रवार की सुबह लोगों में नई फिल्म के लिए उत्साह, और इंडस्ट्री की चमक कम होती जा रही है। जब लगातार कीचड़ ऊछाले जाएंगे तो नई गाड़ी की चमक भी थोड़ी कम हो जाएंगी। तो हमने तो काफी कीचड़ झेला है। कुछ कुछ सैलून में, क्योंकि इस पर हमने आंखें मूद ली है। और हमें लगता है कि शायद फिल्म रिलीज होने के बाद लोगों के विचार बदल जाए।

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लेकिन अगर बात  इंटरनेट की हो तो इंटरनेट अर्जुन कपूर से असहमत नजर आ रहा है। कई लोगों ने अपने विचार साझा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। अब वह समय आ चुका है कि बॉलीवुड अपनी फिल्मों के खराब प्रदर्शन के लिए दर्शकों को दोष देना बंद कर देना चाहिए और बॉलीवुड के उन कारणों पर आत्ममंथन करे, कि आखिर क्यों भारतीय दर्शन इन फिल्मों को ठुकरा रहे है।

घटिया स्क्रिप्ट राइटिंग से लेकर दयनीय रीमेक से लेकर खराब एक्टिंग तक, ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से बॉलीवुड ने अपनी चमक खो दी है।

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