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उर्मिला मातोंडकर की 8 फिल्में जो 20 साल बाद भी आज की जंक फिल्मों से भी बेहतर हैं

उर्मिला मातोंडकर अपने समय की सबसे कम रेटिंग वाली अभिनेत्री है उन समय की जब अन्य अभिनेत्रियां पारंपरिक बॉलीवुड मसाला फिल्में करने में व्यस्त थी। उर्मिला तब अपनी एक अलग राह पर चल रही थी। उन्होंने इतनी बहुमुखी और अपरंपरागत भूमिकाएं निभाई थी। जोकि हमारे समय की किसी भी अभिनेत्री को शर्मासार कर सकती थी। करीब 20 सालों के बाद भी उनकी फिल्में समय की कसौटी पर खरी उतरी है और आज की कई बेकार और बेवकूफी भरी फिल्मों से काफी बेहतर है। तो आइए आपको उनके कुछ बेहतरीन प्रदर्शनों के बारे में बताते है जो उनकी उत्कृष्ता और प्रतिभा की याद दिलाते है।

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1- भूत

बॉलीवुड हॉरर शैली से जूझ रहा है उर्मिला की फिल्म भूत एक अपवाद थी। यह फिल्म साल 2003 में रिलीज हुई थी । फिल्म में उर्मिला ने एक गृहिणी की भूमिका को इतनी चतुराई के साथ निभाया है कि इसने कई लोगों को भी भयभीत कर दिया। इस फिल्म में उर्मिला के साथ अजय देवगन, फरदीन खान, नाना पाटेरकर, रेखा और सीमा विश्वास समेत कई अन्य कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी।

2- रंगीला

मिली के रूप में उर्मिला ने ना जाने कितने लोगों के दिलों को छुआ। बगल में वह एक आदर्श लड़की थी जिससे कई लोग संबंधित हो सकते थे। उन्होंने आमिर खान (Aamir Khan)और जैकी श्रॉफ जैसे अधिक अनुभवी अभिनेताओं के साथ भी स्क्रीन साझा की थी। लेकिन उनकी मौजूदगी के बावजूद भी वह अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही। भला ऐसा कौन होगा  मिली के प्यार, दोस्ती और सपने की यात्रा से किसे प्यार नहीं हुआ होगा? हम सब ने किया।

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3- कौन?

भारत में थ्रिलर शैली को एक बार फिर से परिभाषित करने वाली फिल्मों में से एक फिल्म कौन थी। जिनमें बेहद प्रतिभाशाली मनोज वाजपेयी जी के साथ उर्मिला ने अपनी एक शानदार अदाकारी दी थी। पीड़ित से लेकर एक हत्यारे तक उनका एक उल्लेखनीय अचानक परिवर्तन बॉलीवुड के अपने दर्शकों के लिए पेश किए गए बेहतरीन चरमोत्कर्षों में से एक है।

4- मैने गांधी को नहीं मारा

हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खान कमाल नहीं दिखा पाई। लेकिन इस फिल्म को काफी आलोचनात्मक प्रशंसाएं मिली। अनुपम खेर (Anupam Kher) के साथ, उर्मिला ने अपनी बेटी की भूमिका में अपने करियर का सबसे शानदार प्रदर्शन दिया।

5- सत्य

रंगीला की बहिर्मुखी, कामुक, जिंदादिल मिली से लेकर सत्या की शर्मीली और मासूम विद्या तक, अभिनेत्री उर्मिला की प्रतिभा की कोई भी सीमा नहीं है। ये फिल्में केवल इस बात की याद दिलाती हैं कि कैसे उर्मिला अपने समय की अंडररेटेड बॉलीवुड डीवा में से एक थीं।

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6- प्यार तूने क्या किया

इस फिल्म में उर्मिला ने जिस तरह की भावनाएं दिखाए हैं, उससे आपको यह अनुभव होगा कि उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है। वह एक ‘मोहक’ से ‘जुनूनी पूर्व प्रेमी’ में कैसे तब्दील हो जाती है, आप उसके एक्टिंग कौशल की तारीफ करेंगे।

7- एक हसीना थी

एक हसीना थी फिल्म में उर्मिला की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक है। इसमें वह एक भोले-भाले प्रेमी से एक साहसी उत्तरजीवी के रूप में खुद का बदला लेने के लिए कैसे संक्रमण करती है, यह वास्तव में ही काबिले तारीफ है। यह फिल्म इस बात का एक आखिरी उदाहरण है कि जब एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री को एक अच्छी तरह से लिखी गई भूमिका मिलती है तो क्या होता है।

8- पिंजर

चंद्र प्रकाश द्विवेदी द्वारा निर्देशित फिल्म पिंजर अमृता प्रीतम के प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित है इसमें मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) और उर्मिला का उत्कृष्ट प्रदर्शन प्रस्तुत करता है। जिस तरह से उर्मिला ने पारो के इस किरदार की भेद्यता और दर्द को कैद किया। वास्तव में वह तारीफ के काबिल है। उर्मिला और मनोज के अलावा फिल्म में संजय सूरी भी मुख्य भूमिका में है। इस फिल्म ने आलोचकों की प्रशंसा के अलावा राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था।

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