‘सेह लेंगे थोड़ा’ फिल्म ‘वेलकम’ से जीवन के 11 सबक, जो कभी नहीं भूले जा सकते है

अक्षय कुमार की फिल्म वेलकम एक बॉलीवुड कॉमेडी ड्रामा है। जिसका निर्देशन अनीस बज्मी ने किया था। वेलकम वर्षों से अच्छे कारणों के लिए एक कल्ट क्लासिक बन गया है। ये एक पारिवारिक मनोरंजन है। जिसमें बहुत ही अच्छे सॉग्स, लुभावनी लोकेशन्स, मजेदार डायलॉग और बहुत ही अच्छे स्टार कास्ट है। फिल्म में डायलॉग्स के साथ एक सीन यादगार है। जिसे देखकर आप अपनी हंसी पर काबू नहीं पा सकते है। शायद यही वजह रही कि इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई।
फिल्म वेलकम 2007 में रिलीज हुई लगभग 15 साल पुरानी है, इसके बावजूद भी यह सभी के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है। इसका एकमात्र कारण यह है कि यह फिल्म हमें अपने लोकप्रिय मेम टेम्प्लेट के जरिए जीवन के सबक देता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिरकार एक मजेदार कॉमेडी फिल्म हमें जीवन के बारे कैसे सिखा सकती है। तो इन 11 बातों को शेयर करने की स्वीकृति दें जो हमने फिल्म वेलकम से सीखी है।
1- अपनी भावनाओं पर हमेशा काबू रखें
फिल्म वेलकम में उदय शेट्टी का किरदार नाना पाटेकर ने निभाया है। जिसमें उदय शेट्टी को जब भी गुस्सा होते है तो खुद से कहते है ‘कंट्रोल उदय कंट्रोल’। वह आवेगपूर्ण तरीके से काम करने और अपना आपा खोने से अच्छा है। अपनी भावनाओं पर एक मजबूत पकड़ होना आवश्यक है। ताकि आपको बाद में अपने किए हुए काम पर पछतावा ना हो।
2- अपनी इच्छाओं को बोतलबंद ना करें
ऐसा महसूस होता है कि मजनू भाई, हमारी फैमिली से अधिक जानकारी मानसिक स्वास्थ्य के बारे में रखते थे। वह आपकी भावनाओं को बाहर निकालने की अहमियत को समझके है और राजीव को एक सीन में ऐसा करने के लिए प्रेरित करते है। जब वह बोलता है, बोले दे, ‘तकलीफ हुआ है बेचारे को’।
3- उन्हें मत छोड़ो, जिन्हें आप प्यार करते है
बहुत ही कम लोग ऐसे मिलते हैं, जो आपके लिए कुछ भी कर सकते हों। जब आप एक बार उन्हें ढूंढ लें, तो उन्हें पास रखें। चाहे वह कितने भी कष्टप्रद हों। यह जिन्दगी की सबसे बड़ी सीख है उदय शेट्टी सीख देते हैं जब वह मजनू भाई और उनके प्यार के बारे में बताते हैं, ‘ कि क्या करूं मैं इसका ? इसे मार भी नहीं सकता, इतना प्यार जो करता है मुझसे‘।
4- कर्मों की सजा इसी जन्म में मिलती है
फिल्म में संजना का किरदार कैटरीना कैफ ने निभाया है। जब संजना की संगाई में बार-बार रूकावटें आती है। तो उदय भाई भावुक होकर कहते है, कि इंसान को अपने बुरें कर्मों की सजा इसी जन्म में भुगतनी पड़ती है। यदि आप दुसरों के लिए बुरे है तो चीजें बुरी होंगी। इसलिए आप अपने भाई-बहन की चॉकलेट चुराने से पहले सोचे कि एक दिन कोई आपकी चॉकलेट भी चुरा सकता है।
5- आपकी प्रतिभा बोलती है
उदय शेट्टी की अभिनेता बनने का सपना सच हो जाता है। मगर सिर्फ एक मजाक के रूप में। जब राजीव के निर्देशक फैंड उन्हें काम करने के लिए एक फिल्म में रख लेते है। वह बड़े-बड़े नामों और प्रतिज्ञाओं से चकाचौंध नहीं है, ‘सड़क से उठाकर एक स्टार बना दूंगा’, और उदय शेट्टी को फिल्म के लिए साइन करने का निर्णय लेता है।
6- सहनशीलता
प्रतिष्ठित, ‘सेह लेंगे थोडा’ यह संवाद सहिष्णुता का एक पाठ है। चीजें हमेशा हमारे हिसाब से नहीं रहती है। इसी लिए इसके बारे में ना सोच कर अपनी शांति बनाएं और जिंदगी के साथ व्यवहार करें, जैसे यह आता है
7- चमत्कारों पर विश्वास करो
कौन जानता था कि मरा हुआ आदमी फिर से जिंदा हो सकता है ? यदि सर आरडीएक्स का बेटा ज़िंदा हो सकता है। तो आपको काम पर बहुप्रतीक्षित पदोन्नति भी मिल सकती है। चमत्कारों पर विश्वास करो। वह होते हैं। और जब वह ऐसा करते हैं, तो चिल्लाने से ना डरें, बल्कि छत से चिल्लाएँ ।
8- नकारात्मकता से बचें
फिल्म में नाना पाटेकर का यह सीन सबसे फेमस यादों में से एक है। जिसमें वह लकी को जाने को कहता है। और उससे कहता है कि हम उसे दोष नहीं देते है। लकी समूह के लिए एक झुंझलाहट था और उसने करीब उन सभी को मार ही डाला। नैगेटिव भावनाओं और लोगों को अपने जीवन पर हावी ना होने दे। यानि उन्हें शक्ति देने की जगह उनको जाने दें।
9- नफरत नहीं, प्यार फैलाओ
इस फिल्म के आखिरी में, आरडीएक्स के साथ राजीव एक संदेश शेयर करते हैं। जिसमें वह कहते है कि ‘दुनिया को नफ़रत की नहीं, प्यार की ज़रुरत’ है। हर बार जब दो देश युद्ध करने का निर्णय करते है। आपको लगता है कि उस मूर्ख के पास वापस जाना चाहिए। जो पीठ पीछे आपकी बात करता है। हमेश याद रखें, कि दुनिया में बहुत तो नफरत है । लेकिन हम सब प्यार से कर सकते हैं
10- अपने सिद्धांतों पर कायम रहें
फिल्म में पार्सल पास करने के खतरनाक खेल के दौरान संगीत बंद होने पर लकी राजीव से गेंद ले लेता है । आरडीएक्स अपने वादों का पक्का आदमी है, इसलिए हर कोई यही सोचता है कि क्या वह अपने बेटे के लिए खेल के नियमों को तोड़ेगा। डॉ. घुंघरू भी अपने उसूलों के पक्के हैं और कहते हैं, यार ‘अगर गेम में ऐसे चीटिंग हुई तो मैं नहीं खेलूंगा’। हम इन दोनों को उनके सिद्धांतों पर टिके रहने के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
11- कहानी सुनाना हो सकता है शक्तिशाली
आखिरकार फिल्म में बल्लू की कहानी को कौन भूल सकता है। कि ‘मेरी एक टांग नकली है, और मैं पहले हॉकी का खिलाड़ी हुआ करता था…’ ये तथ्य हर कोई उन पर विश्वास करता था, शक्तिशाली कहानी कहने के असर को दिखाता है।