‘मुख्य चरित्र ऊर्जा’ के साथ शो को चुराने वाले 5 सहायक बॉलीवुड अभिनेता

बॉलीवुड में कई ऐसी बेहतरीन फिल्में है। जिनमें शानदार कलाकार भी है। हालांकि कुछ फिल्में है कि जिन्हें हम जानते है और प्यार भी करते है। लेकिन फिल्म में सहायक किरदारों के साथ न्याय नहीं कर पाते है। सहायक भूमिकाओं में ऊर्जा से भरे हुए हैं और हमारी केवल ये इच्छा है कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्क्रीन समय मिले।
1- ‘गली बॉय’ के एमसी शेर
फिल्म गली बॉय शानदार थी । और इस फिल्म को शानदार बनाने में एमसी शेर का अहम योगदान रहा था। सिद्धांत चतुर्वेदी के एमसी शेर के चित्रण ने सभी लोगों को उनके प्यार में पड़ने के लिए मजबूर कर दिया । इनका चरित्र इतना प्यारा और गोल था कि उसने एक गैर विषैले संरक्षक बनकर हम सभी को मानवता की आशा देकर हमारा मन मोह लिया। एमसी शेर को हम पर्दे पर भी देखना बहुत पसंद करते है।
2- ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से सर्किट
मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस. सबको खुश करने वाली एक फिल्म थी। जिसमें एक सर्वश्रेष्ठ किरदार सर्किट का था। जिसको अरशद वारसी ने निभाया था। रफियन कुर्ता पहने हुए एक अच्छा एक वफादार दोस्त, और एक अच्छा लड़का बनकर हमारा दिल ही चुरा लिया। इसके साथ ही उनकी कॉमेडी की टाइमिंग भी जबरदस्त थी। भले ही उन्होंने अधिकांश फिल्म मुन्ना भाई की मांगों को पूरा करने के लिए खर्च की। उनका करेक्टर ही आसानी से एक कॉमेडी में अहम भूमिका निभा सकता था।
3- ‘दिल धड़कने दो’ में सनी गिल
कोई अगर टॉप है और जिसे हम प्यार करते है। तो वो है बॉलीवुड के जाने माने लड़के फरहान अख्तर। इस फिल्म में फरहान अख्तर का किरदार बेदाग था। वह ना केवल सुपरस्मार्ट था बल्कि वह ये अच्छे से जानता था कि सम्मानित महिलाएं भी थी। और वो अपने अधिकारों के लिए खड़े होने से नहीं डरती थी। हम उनके और प्रियंका चोपड़ा के चरित्र के बीच प्रेम कहानी का पता लगाएंगे।
4- ‘विकी डोनर’ के डॉ बलदेव चड्ढा
विक्की डोनर एक मजेदार फिल्म थी। लेकिन डॉ चड्ढा ने अपने वन लाइनर्स और मजेदार रिपार्टी से शो को चुरा लिया। अन्नू कपूर सहायक भूमिकाओं में रहे हैं। और इस फिल्म में उनके उत्साहित और सकारात्मक किरदार ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वह सच में लाइमलाइट के हकदार हैं।
5- ‘ओम शांति ओम’ से पप्पू मास्टर
फिल्म ‘ओम शांति ओम’ उनमें से है जो कि केवल आपको हंसाती है। यह एक शानदार मजाकिया और मेट फिल्म है। जिसमें बेहतरीन कलाकारों की एक टुकड़ी होने का दावा है। श्रेयस तलपड़े यानि पप्पू को जितना समय स्क्रीन के लिए मिला था वह काफी नहीं था। बल्कि उन्हें उससे कहीं ज्यादा स्क्रीन समय मिलना चाहिए था। क्योकिं उनका किरदार फिल्म की रीढ़ था।
एक भरोसेमंद दोस्त से लेकर सह साजिशकर्ता होने तक पप्पू भरोसा नहीं तोड़ता। वह उस तरीके का सॉफ्ट बॉय है जिसे हम और देखना पसंद करेंगे। इनमें से ऐसे कौन से किरदार है जो आपको सबसे ज्यादा पसंद है और क्या ऐसे अन्य किरदार है जिन्हें आप उनकी फिल्मों में अहम भूमिका में देखना चाहते है।