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क्या साउथ इंडियन फिल्मों से डर गया है बॉलीवुड? जानिए अजय देवगन ने क्या दिया जवाब

बॉलीवुड और टॉलीवुड यानी साउथ इंडियन फिल्मों को लेकर लगातार कई प्रकार की बातें सामने आ रहीं हैं। बीते कुछ समय से एक के बाद एक साउथ इंडियन फिल्में रिलीज होते ही ब्लॉकबस्टर साबित हो रहीं हैं। चाहे वह बात पुष्पा द राइज की करें याए फिर आरआरआर या फिर केजीएफ चैप्टर 2 सब एक से बढ़कर फिल्में साबित हुईं हैं। बहरहाल, आज के इस लेख में हम एक नजर डालेंगे कि, बॉलीवुड वर्सेस साउथ इंडियन को लेकर अजय देवगन ने क्या बयान दिया है।

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रनवे 34 के प्रमोशन में व्यस्त हैं अजय

गौरतलब है कि, अजय देवगन, अमिताभ बच्चन और रकुल प्रीत सिंह मल्टीस्टारर फिल्म रनवे 34 इस सप्ताह रिलीज होने वाली है। जिसके प्रमोशन के लिए रनवे 34 की पूरी टीम लगी हुई है। इसी बीच जब अजय देवगन अपनी फिल्म का प्रमोशन  कर रहे थे तब अजय देवगन ने पैन इंडिया फिल्म और साउथ इंडियन फिल्मों की सक्सेस को लेकर बयान दिया है। दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान अजय देवगन से पूछा गया था कि बॉलीवुड की फिल्में पैन इंडिया क्यों नहीं बन पातीं हैं।

इस सवाल का बेबाकी से जवाब देते हुए अजय ने कहा है कि, ”कोई फिल्म पैन इंडिया तब होती है जब वह देश भर में अलग-अलग भाषा में बनी हो। इसलिए, हम किसी भी फ़िल्म को पैन इंडिया फिल्म नहीं कह सकते यदि उसमें ऐसा ना हुआ हो। यही नहीं, पैन इंडिया फिल्म वही होती है जिसमें अलग-अलग एक्टर्स हों और अलग-अलग इंडस्ट्री से भी हों ताकि अधिक से अधिक ऑडियंस फिल्म देखने आए।”

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अजय ने यह भी कहा है कि ”हमने बॉलीवुड में ऐसा नहीं किया है। इसके अलावा आखिर वे हिंदी बेल्ट में काम कर रहे हैं या वे फिल्में यहां इसलिए रिलीज हो रहीं हैं क्योंकि उन्हें हिंदी में डब किया जा रहा है। यानी वे वैसे भी वे यहां अपनी भाषा में काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए ऐसी फिल्में हिंदी फिल्में ही हैं।”

अजय देवगन ने की बॉलीवुड की फिल्मों की तारीफ

इन सवालों के बीच जब अजय से यह पूछा गया कि, क्या साउथ इंडियन फिल्मों की धमाकेदार परफॉर्मेंसेस से बॉलीवुड डरा हुआ है? या फिर यह सब केवल सोशल मीडिया पर ही चल रहा है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘ऐसा ही कुछ साल पहले भी बोला गया था यह तब हॉलीवुड को लेकर था। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था।”

उन्होंने यह भी कहा कि, ”सबसे जरूरी बात यह है कि हमें इन फिल्मों को अलग-अलग रीजन जैसे नार्थ या साउथ या किसी रीजन के रूप में देखना बंद करना चाहिए। हमें इन फिल्मों को भारत की फिल्मों के रूप में देखना चाहिए।”

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