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ऐसी 10 बॉलीवुड फिल्में, जिनके रिलीज से पहले नाम बदल दिए गए थे

बॉलीवुड हो या फिर हॉलीवुड, फिल्म निर्माता अपनी फिल्म को हिट कराने के लिए नए-नए तरीके अपनाते है। हाल ही में एक ऐसा ही तरीका अपनाया गया है, फिल्मों के नाम में बदलाव करने का और किसी भी फिल्म में सबसे महत्वपूर्ण चीज उस फिल्म का नाम है। अगर आप यह सोच रहे है कि नाम में क्या है, तो आपको बता दे कि फिल्म  का नाम बहुत अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फिल्म के कथानक और पात्रों का संक्षिप्त विवरण देता है।दर्शकों को पूरी फिल्म के बारे में एक विचार देना। कभी-कभी अज्ञात कारणों के चलते या फिर विवादास्पद मुद्दों के कारण फिल्म का नाम बदल दिया जाता है। हालांकि की कई बार फिल्मों के नाम पब्लिसिटी को पाने के लिए भी बदल दिए जाते है। तो आइए आपको ऐसी ही दस फिल्मों के नाम बताते है जिनके रिलीज से पहले नाम बदल दिए गए थे।

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1- आर. राजकुमार – रेम्बो राजकुमार

2013 में रिलीज हुई शाहिद कपूर की फिल्म आर. राजकुमार का नाम पहले रेम्बो राजकुमार था। मूल नाम में पहला शब्द ‘आर’ ही रेम्बो है। रेम्बो शब्द का हटाने के पीछे बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं को मूल रेम्बो बनाने वाले हॉलीवुड निर्माताओं से परमिशन नहीं मिली थी।

2- तमाशा – विंडो सीट

विंडो सीट, यह शब्द कम आकर्षक होता है और उस कहानी के लिए उपयुक्त नहीं होता जिस पर यह आधारित है। तो  विंडो सीट से बदलकर तमाशा नाम वास्तव में फिल्म निर्माता का एक अच्छा फैसला था।

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3- बुलेट राजा – जय राम जी की

2013 में आई तिग्मांशु धूलिया के निर्देशन में बनी सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की फिल्म बुलेट राजा यूपी पर आधारित थी। इसीलिए इस फिल्म के लिए जय राम जी की टाइटल अधिक उपयुक्त लगा। लेकिन राजनीतिक ड्रामा के चलते इसका नाम बुलेट राजा करना पड़ा।

4- जब तक है जान – ये कहां आ गया

यश चोपड़ा (Yash Chopra) का सपना था कि वह इसी नाम से फिल्म बनाए और रोमांस के बादशाह के साथ भी। लेकिन यह संभव नहीं किया जा सका, तब रचनाकारों ने इस फिल्म को जब तक है जान नाम दिया। जो जब तक है जान नाम की कविता से लिया गया था।

5- वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा – वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई 2

दोनों टाइटलों में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन निम्नलिखित किश्तों के चलते रचनाकारों ने इसको वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा में बदलने का निर्णय लिया।

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6- मद्रास कैफे – जाफना

2013 में रिलीज हुई फिल्म मद्रास कैफे के निर्देशक शूजित सरकार है। फिल्म में जॉन अब्राहम, नर्गिस फाखरी और राशि खन्ना मुख्य भूमिकाओं में है। यह फिल्म भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से संबंधित थी। जाफना एक श्रीलंकाई शहर है। और इसीलिए इश नाम का श्रीलंका सरकार ने विरोध किया था। इन्हीं सब विवादों के चलते रचनाकारों ने फिल्म का नाम बदलकर मद्रास कैफे रख दिया।

7- जय हो – मेंटल

सुहेल खान के निर्देशन में बनी यह फिल्म साल 2014 में रिलीज हुई थी। सलमान खान (Salman Khan) इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखाई दिए थे। फिल्म जय हो साल 2006 में रिलीज हुई तेलुगू फिल्म स्टालिन की पुनर्कृत्ति है। इस फिल्म का रिलीज होने से पहले नाम मेंटल था, जो अधिक उपयुक्त था।लेकिन इसने दर्शकों को नकारात्मक दृष्टिकोण दिया। और फिर गणतंत्र दिवसल के मौके पर फिल्म को रिलीज करने से पहले इसे जय हो टाइटल मिला।

8- जिंदगी ना मिलेगी दोबारा – रनिंग विद् द वुल्स

2011 में रिलीज हुई फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा जोया अख्तर द्वारा निर्देशित है। यह अब तक की बेस्ट बॉलीवुड फिल्मों में से एक है और व्यक्तिगत रूप से जीवन के बहुत सारे सबक सिखाने वाली फिल्म है। इस फिल्म का पहला टाइटल रनिंग बुल कम उपयुक्त होता। यह रॉक ऑन संगीत से लिया गया था, लेकिन जिंदगी ना मिलेगी दोबारा अधिक उपयुक्त लग रहा था।

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9- हमारी अधूरी कहानी – तुम ही हो

हमारी अधूरी कहानी फिल्म के निर्देशक मोहित सूरी है और इसका निर्माण महेश भट्ट जी द्वारा किया गया है। यह फिल्म साल 2015 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। बॉलीवुड जगत में प्रसिद्ध गीतों में से एक होने के नाते रचनाकारों ने टाइटल को अधिक वर्णनात्मक और अलग बनाने का निर्णय किया था। इसीलिए वे हमारी अधूरी कहानी के साथ चले गए।

10- गोलियों की रासलीला राम लीला – राम लीला

2013 में रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की फिल्म रामलीला पर काफी विवाद हुआ था और उन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। और इसी के चलते मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय ने फिल्म का टाइटल बदलने के आदेश दिए थे। जिसके बाद फिल्म का नाम बदल दिया गया और गोलियों की रासलीला राम लीला कर दिया। इस नए टाइटल ने फिल्म का बहुत अधिक विवरण दिया।

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